उर्वशी पुरूरवा
एक बार नारद मुनि राजा पुरूरवा के रूप , गुण , बुद्धि और युद्धकौशल की प्रशंसा देवराज इंद्र से कर रहे थे । स्वर्ग की सबसे सुन्दर अप्सरा उर्वशी उस समय वही मौजूद थी और देवर्षि नारद से राजा पुरूरवा का बखान सुन रहीं थीं । उर्वशी ने मृत्युलोक के राजा की इतनी प्रशंसा सुनी तो वह उन्हें देखने के लिए लालायित हो गई । बिना कुछ सोचे वह मृत्युलोक पहुंच गई और जब उसने पुरूरवा को देखा तो मंत्रमुग्ध हो गई दूसरी ओर राजा पुरूरवा भी उर्वशी के रूप सौंदर्य को देखते ही उसपर मर मिटे । उन्होंने तत्काल ही उर्वशी के सामने विवाह का प्रस्ताव रख दिया । उर्वशी को पुरूरवा का विवाह प्रस्ताव मंजूर था परंतु उसने राजा के सामने दो शर्तें रख दी । पुरूरवा उस समय उर्वशी के लिए इतने पागल हुए कि बिना सुने उन्होंने दोनों शर्तें मान भी लिया । उर्वशी की पहली शर्त थी कि वे उसके दो भेड़ो की रक्षा करेंगे क्योंकि वह उन भेड़ो को अपने पुत्र समान समझतीं है । उसकी दूसरी शर्त यह थी कि वे एक दूसरे को नग्न अवस्था में अपने यौन संबंधो के समय ही देखेंगे । अगर पुरूरवा ने एक भी वचन तोड़ा तो वह