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हरतालिका तीज व्रत कथा 2020 /Hartalika teej vrat katha 2020

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                     Hartalika Teej Vrat Katha हरतालिका तीज को   तीज भी कहते हैं । यह व्रत भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया हस्त नक्षत्र के दिन होता है ।।  इस दिन सुहागिन स्त्रियाँ गौरी-शंकर की पूजा करतींं है । तीज का त्यौहार विशेषकर उत्तर प्रदेश के पूर्वाचल , बिहार , झारखंड , और मध्य प्रदेश में मनाया जाता है । तीज का त्यौहार करवा-चौथ से कठिन माना जाता है क्योंकि जहां करवा-चौथ में रात को चांद देखकर व्रत खोलने का नियम है वही दूसरी ओर तीज में पूरे दिन निर्जला व्रत रख कर अगले दिन पूजन के बाद ही व्रत खोलने का नियम है ।  इस व्रत से जुड़ी मान्यता है कि इस व्रत को करने वाली स्त्रियां पार्वती जी  केे समान ही सूखपूर्वक पतिरमण करके शिवलोक को जाती है । सौभाग्यवती स्त्रियाँ अपने सुहाग को अखंड बनाने के लिए तथा अविवाहित युवतीयां मनचाहा वर पाने के लिए हरतालिका तीज का व्रत रखती हैं । माता पार्वती ने भगवान भोलेनाथ के लिए सर्वप्रथम हरतालिका तीज का व्रत रखा था । स्त्रीयां इस दिन सोलह श्रृंगार करके गौरी-शंकर और भगवान गणेश की पूजा करतीं हैं। पूजा की चौकी पर रेत से गौरी-शंकर की प्रतिमा स्थापित क

बुद्ध पूर्णिमा 2020

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          Buddha Purnima 2020 वर्तमान में पूरे विश्व मे करोडों लोग भगवान बुद्ध के अनुयायी हैं । भारत के साथ-साथ चीन , नेपाल , सिंगापुर , वियतनाम , थाईलैंड , जापान , कम्बोडिया , श्रीलंका , मलेशिया , म्यांमार जैसे कई देशों में बुद्ध पूर्णिमा के दिन बुद्ध जयंती मनाई जाती है । भारत के बिहार स्थित बौद्ध गया बुद्ध के अनुयायीयों सहित हिन्दुओं के लिए भी एक धार्मिक स्थल है । नेपाल के कुशीनगर में बुद्ध पूर्णिमा के अवसर पर लगभग एक महिने का मेला लगता है । श्रीलंका तथा कुछ अन्य देशों में बुद्ध पूर्णिमा के शुभ अवसर को वेसाक उत्सव के रूप में मनाया जाता है । बौद्ध अनुयायी इस दिन अपने घरों में दीये जलाते हैं फूलों से सजाते हैं , बौद्ध ग्रंथो का पाठ किया जाता है । इस दिन स्नान-दान का भी काफी महत्व है । वैशाख पूर्णिमा के दिन ही भगवान बुद्ध का जन्म हुआ था इसलिए वैशाख मास की पूर्णिमा को बुद्ध पूर्णिमा के नाम से जाना जाता है । लेकिन वैशाख पूर्णिमा के दिन न ही सिर्फ भगवान बुद्ध का जन्म हुआ था बल्कि उन्हें बरसों जंगलों में भटकते और तपस्या करते हुए इसी दिन ज्ञान की प्राप्ति हुई थी । बरसों की कठिन तपस्