रानी की कहानी / Rani ki kahani
बहुत पहले की बात है, एक लड़की थी रानी । फूलों सी कोमल और नाजुक । कहीं की राजकुमारी न थी लेकिन अपने माता-पिता और सात भाइयों के लिए किसी राजकुमारी से किसी मायने में कम नहीं थी। रानी की जिस भी चीज की इच्छा होती उसके माता पिता और सातों भाई मिलकर उस चीज को तुरंत उसे लाकर रख दिया करते थे । वह नाजो से पली बढ़ी थी जिसने कभी एक सुई तक नहीं उठाई और करे भी क्यों भला ? सात सात भाइयों की इकलौती बहन जो ठहरी। लेकिन उसकी भाभियों से उसकी यह खातिरदारी नहीं देखी जाती थी । भाभियों को अपनी ननद फूटी आंखों न सुहाती थी लेकिन वे करती भी क्या अपने पतियों से कुछ कह भी नहीं सकती थी। सिर्फ एक जो छोटी भाभी थी, वह अपनी ननद रानी को बहुत प्यार करती थी । एक बार कि बात है, रानी खेलने के लिए गई थी घर के बाहर और फिर खेलते हुए उसे एक फूल दिखाई पड़ा। रानी जैसे ही फूल तोड़ने के लिए गई उसने देखा कि वहां तो कीचड़ था । जब उससे रहा नहीं गया तो वह दौड़ी-दौड़ी अपने माता-पिता के पास गई और उस फ