रावण ने बंदी क्यों बनाया शनि देव को
रावण ज्योतिषी शास्त्र का ज्ञाता था । जब रावण की महारानी मंदोदरी गर्भवती थी तो वह चाहता था कि उसका होने वाला पुत्र दीर्घायु और सर्वशक्तिमान हो । वह चाहता था कि उसका होने वाला पुत्र ऐसे नक्षत्रों में पैदा हो जिससे वह दीर्घायु और महा-पराक्रमी हो जाए । इसके लिए रावण ने सभी ग्रह नक्षत्रों को यह आदेश दिया कि जब उसका पुत्र मेघनाद पैदा होने वाला हो तो शुभ और सर्वश्रेष्ठ स्थितियों में रहे । चूंकि सभी रावण से डरते थे अतः सभी ग्रह नक्षत्र डर के मारे रावण की इच्छानुसार उच्च स्थित में विराजमान हो गए परंतु शनि देव को रावण की यह बात पसंद नहीं आई । शनि देव आयु की रक्षा करने वाले है , परंतु रावण जानता था कि सभी उसकी बात मानते हैं परंतु शनि देव उससे जरा भी नहीं डरते और वह उसकी बात कदापि नहीं मानेंगे । अतः रावण ने बल का प्रयोग कर शनि देव को ऐसी स्थिति में रखा जिससे कि उसके पुत्र की आयु लंबी हो सके । उस समय तो रावण ने जैसे चाहा शनि देव को रख लिया परंतु जैसे ही मेघनाद के जन्म का समय निकट आया तो शनि देव ने अपनी