अप्सरा मेनका और विश्वामित्र की प्रेम कथा

                   
Afsara Menaka and vishwamitra love story in hindi

ऋषि विश्वामित्र अपनी तपस्या मे लीन थे । वह इतने ध्यानमग्न

थे कि उन्हें पता ही नहीं कि दुनिया में क्या हो रहा है । उनके

कठोर तपस्या के प्रभाव से स्वर्ग मे इन्द्र का सिंहासन डोलने

लगा । नारद मुनि ने देवराज इन्द्र को बताया कि मृत्युलोक मे

एक तपस्वी वन मे कठोर तप मे लीन है । उनकी तपस्या में

कोई विध्न नहीं पड रहा है । यह सुनकर देवराज को अपने

सिंहासन की चिंता सताने लगी ।

इन्द्र ने स्वर्गलोक की अप्सरा मेनका को मृत्युलोक मे विश्वामित्र

की तपस्या भंग करने के लिए भेजा । उन्हें पूरा विश्वास था कि

विश्वामित्र मेनका को देखकर तप करना भूल जाएंगे ।


बर्षों से तपस्या में बैठे ऋषि का शरीर बहुत कठोर हो चुका था

उनकी तपस्या भंग करना कोई आसान काम न था । उन पर

मेनका की सुंदरता का कोई प्रभाव नहीं पड़ा क्योंकि वे

काम को अपने बस में कर चुके थे ।

आखिरकार इन्द्र को कामदेव का सहारा लेना पड़ा । कामदेव

के कामुक तीर ऋषि विश्वामित्र पर चलाया जिससे उनके मन

मे मेनका के लिए आकर्षण पैदा हुआ । उनके ह्रदय में प्रेम के

अंकुर फूटने लगे । इधर मेनका का कार्य भी सफल हुआ ।

वह विश्वामित्र की तपस्या भंग करने में सफल हो गई परंतु

उसके मन में भी ऋषि के लिए प्रेम जाग्रत होने लगा और फिर

कुछ समय पश्चात दोनों ने विवाह कर लिया ।

मेनका ने ऋषि को यह नहीं बतलाया था कि वह एक अप्सरा

है क्योंकि वह उनके क्रोध से डरती थी । और छोड़ कर स्वर्ग

भी नहीं जा सकती थी क्योंकि अगर वह जातीं तो विश्वामित्र

फिर से तपस्या में बैठ जाते ।


कुछ बर्षों के पश्चात उन दोनों की एक पुत्री हुई शंकुतला

जिसका प्रेम विवाह बाद में राजा दुष्यंत के साथ हुआ था ।

पुत्री के जन्म के बाद मेनका का मृत्युलोक मे समय पूरा हुआ

और वह अपने पति और पुत्री को छोड़कर स्वर्ग लौट गई ।





टिप्पणियाँ

Popular post

सिद्धार्थ और हंस / Siddhartha aur Hansha

माता वैष्णोदेवी के भक्त श्रीधर की कथा / Mata vaishno devi ke Bhakt shridhar ki katha

मधु-कैटभ कथा / Madhu-kaitav katha

शुम्भ-निशुम्भ की कथा

रानी महामाया का सपना और महात्मा बुद्ध का जन्म / Rani Mahamaya ka sapna aur Mahatma Buddha ka janam

भस्मासुर का वरदान / Bhasmasur ka wardan

समुद्र मंथन की कथा

शांतनु और गंगा / shantanu aur Ganga