कहां राजा भोज कहां गंगू तेली
मालवा के प्रतापी राजा भोज ने धारानगरी को अपनी राजधानी बनाया था । इस नगरी की भव्यता को देखकर राजा के ऐश्वर्य का पता चलता है । उस समय इस नगरी की चर्चा पूरे देश में फैैैैली हुई थी । परमारवंशीय राजा भोज बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे । वे सिर्फ शस्त्रों के नहीं बल्कि शास्त्रोंं के भी ज्ञाता थेे । उनकी तुलना महान विद्वान में की जाती है ।
इसके अलावा भोज एक महान संस्थापक भी थे । उन्होंने कई मंदिरों का भी निर्माण कराया । इतिहास में उन्हें एक जन-प्रिय शासक के रूप मे जाना जाता है ।
एक बार दक्षिण के दो राजाओं गंंगेेय कलचुुरि नरेश और चालुुुका नरेश तैलय नेे मिलकर धार पर आक्रमण कर दिया परंतुु वे राजा भोज से बुरी तरह हार गए । इस पराजय के बाद लोगों ने राजा गंगेय और चालुका नरेश तैलय की हंसी उड़ाई और कहा कहां राजा भोज कहां गांगेय तैलंग ।
यही बात आगे चलकर टूट गई और सामान्य जीवन में कहा जाने लगा कहां राजा भोज कहां गंगू तेली ।
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