औरंगजेब और जैनाबाई
सन् 1636 ई की बात है जब औरंगजेब दक्कन का गवर्नर बनके बुरहानपुर पहुंचा तो वहां उसकी मुलाकात हीराबाई से हुई । हीराबाई से औरंगजेब की पहली मुलाकात शाहजहाँ के साढ़ू और खानदेश के हाकिम सैफ खान के महल में हुई । हीराबाई के अद्भुत सौंदर्य को देखते ही औरंगजेब वही गश खाकर गिर पड़ा जब उसकी आंख खुली तो उसका सर हीराबाई के गोद में था । औरंगजेब उसी वक्त से हीराबाई का होकर रह गया । हीराबाई सैफ खान की कनिज और नर्तकी थी । उसे संगीत मे महारथ हासिल थी । उसकी आवाज बहुत मीठी थी। रूप लावण्य जवानी की तो वह मल्लिका थी । विस्मित कर देने वाली सुंदरता थी हीराबाई की जिससे औरंगजेब जैसे क्रूर बादशाह को भी अपने वश मे कर लिया । औरंगजेब उसके बिना एक पल नहीं रह पाता था। यहां तक कि उसने अपने कामकाज में भी लापरवाही बरतनी शुरू कर दी । एक बार कि बात है, औरंगजेब हीराबाई के साथ था और दोनों प्रेम भरी बातें कर रहे थे । तभी औरंगजेब ने कहा कि वह बादशाह बनेगा तो उसे मल्लिका के पद पर बिठाएगा । हीराबाई के लिए कुछ भी क़ुर्बान कर सकता है और वह जो भी मांगेगी उसकी इच्छा