रॅपन्ज़ेल राजकुमारी की कहानी | Disney Princess Rapunzel story in hindi
Disney Princess Rapunzel story in hindi |
रॅपन्ज़ेल की कहानी | Disney Princess Rapunzel story in hindi
बहुत समय पहले की बात है , किसी गांव में जाॅन और नैल नाम के पति-पत्नी रहा करते थे । दोनों का एक दूसरे के अलावे कोई न था , दोनों अपने जीवन में बहुत खुश थे लेकिन उनको कोई संतान न थी जिसकी कमी उन्हें बहुत खलती थी इस दुख के कारण पत्नी हमेशा परेशान रहती थी , उसका पति उसे सांत्वना देता था कि ईश्वर उसकी जरूर सुनेंगे । उसके घर के सामने ही एक बहुत सुंदर बगीचा था , उस बगीचे में एक दुष्ट जादूगरनी रहती थी , जिसका नाम डेम गोथेल था । पत्नी हमेशा अपनी खिडकी से उस बगीचे में खिले सुंदर फूलों को देखा करतीं थी ।
समय बीतता गया , एक दिन नैल को पता चला कि वह गर्भवती है , उसने यह खुशखबरी अपने पति जाॅन को सुनाई , दोनों बहुत खुश हुए और ईश्वर को धन्यवाद देने लगे । अब जाॅन अपनी पत्नी का ज्यादा ख्याल रखने लगा था , वह उसकी सभी इच्छाएं पूरी करता ।
एक बार नैल अपनी खिड़की से जादूगरनी के बगीचे की ओर देख रही थी , तभी उसे बगीचे में रॅपन्ज़ेल के पत्ते दिखाई दिए , वो पत्ते हरे और ताजे थे , जिसे देखकर नैल को उसे खाने की इच्छा हुई । ऐसा कहा जाता था कि जो गर्भवती स्त्री रॅपन्ज़ेल के पत्ते खाती है , उसका स्वस्थ और सुंदर बच्चा पैदा होता है ।
नैल ने रॅपन्ज़ेल के पत्ते खाने की इच्छा अपने पति जाॅन से जाहिर की और पत्ते तोड़कर लाने को कहा । जादूगरनी के डर से पहले तो जाॅन ने मना किया , परंतु वह अपनी पत्नी की बात को नही टाल पाया और जादूगरनी के बगीचे में घुसा । लेकिन जैसे ही रॅपन्ज़ेल के पत्ते तोड़े , अचानक बूढ़ी जादूगरनी उसके सामने आ गई । वह बहुत ही गुस्से में थी , जाॅन डर गया और उसके सामने गिड़गिड़ाने लगा । उसने बताया कि उसकी पत्नी गर्भवती है और रॅपन्ज़ेल के पत्ते खाना चाहती है ।
जादूगरनी ने उसे रॅपन्ज़ेल के पत्ते एक शर्त पर ले जाने दिए । शर्त के अनुसार जब उसकी पत्नी बच्चे को जन्म देगी , उस दिन वह बच्चे को ले जाएगी । डर के मारे जाॅन ने उसकी शर्त मान ली और रॅपन्ज़ेल के पत्ते लेकर आ गया । वह अब रोज जादूगरनी के बगीचे से रॅपन्ज़ेल के पत्ते तोड़ कर लाता और नैल उन पत्तों को बड़े चाव से खाया करती थी ।
कुछ समय बाद उसकी पत्नी ने बहुत ही सुन्दर बच्ची को जन्म दिया । पति-पत्नी दोनों बहुत खुश हुए , लेकिन जैसे ही जादूगरनी को बच्ची के जन्म के बारे में पता चला तो अपनी शर्त अनुसार वह उस बच्ची को लेने उनके घर पहुंची । जाॅन ने अपना वचन निभाते हुए बच्ची उसे दे दी , नैल रोती रह गई ।
जादूगरनी ने उस बच्ची का नाम रॅपन्ज़ेल( Rapunzel) रखा । समय बीतता गया । बड़ी होकर रॅपन्ज़ेल बहुत ही सुन्दर लड़की बनी , लेकिन उसके 12 बर्ष के होते ही जादूगरनी ने उसे एक मीनार में ले जाकर बंद कर दिया । वह मीनार बहुत ही ऊंची थी , और उस मीनार में न ही दरवाजा था और न ही सीढ़ी । उसमें केवल बहुत ऊंचाई पर एक खिड़की थी।
रॅपन्ज़ेल के लंबे सुनहरे और जादुई बाल थे । जब भी जादूगरनी उससे मिलने आती थी तो वो मीनार के नीचे से चिल्लाती थी , "रॅपन्ज़ेल रॅपन्ज़ेल , अपने बाल छोड़ दो " इन शब्दों को सुनने के बाद रॅपन्ज़ेल खिड़की के बगल में टंगी एक खूँटी से अपने लंबे बाल लपेट कर उन्हें जादूगरनी के पास नीचे लटका देती । वह उन बालों के सहारे ऊपर मीनार पर चढ़ कर उसके कमरे में पहुंच जाती थी ।
रॅपन्ज़ेल मीनार में अकेली ही रहती थी , जादूगरनी बस खाना और पानी देने के लिए एक बार आया करतीं थी । उसको उस मीनार में रहते हुए कई साल हो गए । वह मीनार में रहकर बहुत ही दुखी थी । वह बाहर की दुनिया देखना चाहती थी । कई बार उसने जादूगरनी से कहा भी लेकिन उसने मना कर दिया ।
रॅपन्ज़ेल की आवाज बहुत सुरीली थी । वह अक्सर मीनार की खिड़की में बैठकर गाना गाया करतीं थी । एक दिन रॅपन्ज़ेल रोज की तरह अपनी खिड़की में बैठकर गाना गा रही थी , तभी उस देश का राजकुमार वहां से निकला । वह जंगल में शिकार खेलने आया था ।
उसे रॅपन्ज़ेल की आवाज बहुत अच्छी लगी। उसने उस आवाज़ का पीछा किया , और मीनार के पास पहुंचा । लेकिन जैसे ही वह मीनार के पास पहुंचा गाने की आवाज बंद हो गई और अचानक से उसे एक कर्कश आवाज सुनाई पड़ी - रॅपन्ज़ेल , अपने बाल छोड़ो ।
यह आवाज जादूगरनी की थी । राजकुमार ने देखा कि उसके ऐसा कहने पर तुरंत सुनहरे बाल नीचे आये और जादूगरनी बाल पकड़कर मीनार के ऊपर चढ़ गई । यह सब देखकर राजकुमार दंग रह गया । वह वहीं एक पेड़ के पीछे छुप कर यह सब देख रहा था ।
जादूगरनी के जाने के बाद राजकुमार को उस लड़की से मिलने का मन हुआ क्योंकि उसे उसके सुनहरे बाल और सुरीली आवाज बहुत अच्छी लगी थी । वह मीनार के नीचे पहुंचा और चिल्लाया - रॅपन्ज़ेल , अपने बाल छोड़ो ।
उसके कहते ही सुनहरे बाल नीचे आ गये , राजकुमार उन बालों के सहारे मीनार की खिड़की तक पहुंच गया । राजकुमार को देखकर रॅपन्ज़ेल घबरा गई , फिर राजकुमार ने उसे अपने बारे में बताया और उससे बहुत ही प्यार से बात की । इस कारण रॅपन्ज़ेल का सारा डर चला गया । राजकुमार के आग्रह करने पर उसने गाना भी सुनाया । उस दिन से राजकुमार और रॅपन्ज़ेल रोज मिलने लगे । दोनों को एक दूसरे से प्यार हो गया था । एक दिन राजकुमार ने रॅपन्ज़ेल के सामने विवाह का प्रस्ताव रखा जिसे रॅपन्ज़ेल ने स्वीकार कर लिया ।
अब राजकुमार रॅपन्ज़ेल को अपने साथ ले जाना चाहता था , लेकिन उन दोनों को उस मीनार से निकलने का रास्ता नही मालूम था । दोनों वहां से निकलने का उपाय सोचने लगे । तब रॅपन्ज़ेल ने राजकुमार को सुझाव दिया कि वह पहले उसके लिए रेशम के धागे ले आये , जिससे वह यहां से नीचे उतरने के लिए सीढ़ी बना लेगी । अब राजकुमार रोज रेशम के धागे लाने लगा और रॅपन्ज़ेल उससे सीढ़ी बुनने लगी ।
इसी बीच रॅपन्ज़ेल गर्भवती हो गई और इसलिए वह जल्द से जल्द मीनार से निकलना चाहती थी । एक दिन रॅपन्ज़ेल को खाना देने के बाद जादूगरनी जब जाने लगी तो उसने राजकुमार को मीनार पर चढ़ते देख लिया । वह बहुत ही क्रोधित हुई और उसने रॅपन्ज़ेल के बाल काट दिए और उसे रेगिस्तान में छोड़ दिया । रोजाना की तरह जब शाम को राजकुमार रॅपन्ज़ेल से मिलने आया और मीनार के नीचे से चिल्लाया - रॅपन्ज़ेल रॅपन्ज़ेल ! बाल छोड़ो ।
जादूगरनी ने रॅपन्ज़ेल के बाल नीचे लटका दिए , राजकुमार जब उसे पकड़कर मीनार पर पहुंचा तो जादूगरनी को देखकर घबरा गया । उसने रॅपन्ज़ेल के बारे में उससे पूछा ।
जादूगरनी बोली - "वह तुम्हें अब कभी नहीं मिलेगी" और ऐसा कहकर उसने राजकुमार को मीनार से धक्का दे दिया । कंटीली झाड़ियों में गिरने के कारण उसकी दोनों आँखे चली गई और उसे दिखाई देना बंद हो गया । वह इधर-उधर भटकने लगा , ऐसे ही कई साल बीत गए ।
एक दिन भटकते-भटकते वह उसी रेगिस्तान में पहुंच गया , जहां बूढ़ी जादूगरनी ने रॅपन्ज़ेल को छोड़ा था । उसे वहां रॅपन्ज़ेल के गाने की आवाज सुनाई पड़ी । वह आवाज़ को पहचान कर उधर ही दौड़ने लगा जिधर से आवाज आ रही थी - रॅपन्ज़ेल रॅपन्ज़ेल ।
रॅपन्ज़ेल ने राजकुमार को देखा और दोनों की मुलाकात हुई । राजकुमार की हालत देखकर रॅपन्ज़ेल रोने लगी उसके आंसू जब राजकुमार की आखों में गिरे तो राजकुमार की आँखे ठीक हो गई । राजकुमार को जब पता चला कि अब वह एक बेटा और एक बेटी का पिता बन गया है तो उसकी खुशी का ठिकाना न रहा । उनका परिवार अब एक हो गया और वे सब अपने महल आ गये । वहां उसने देखा कि राजा भी अपनी बीमारी से ठीक हो चुके थे , अपने पिता को ठीक देख राजकुमार बहुत खुश हुआ । तब राजा ने राजकुमार को बताया कि किसी व्यक्ति ने उन्हें रॅपन्ज़ेल के पत्ते खाने के लिए कहा था । जिसको खाकर वह स्वस्थ हुए हैं और यह भी बताया कि उसकी नवजात बेटी को कोई जादूगरनी ले गई थी । राजकुमार और रॅपन्ज़ेल जब उस आदमी के घर पहुंचे तो रॅपन्ज़ेल की मां ने उसे पहचान लिया और बेहद खुश हुई । अब से सभी लोग बड़े प्यार से रहने लगे । रॅपन्ज़ेल अब अपने राजकुमार की राजकुमारी बन गई । सभी ओर खुशियों का माहौल था ।
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें