विजयादशमी / vijayadasmi
Hindu mythology >vijayadasmi >2018>October 19
विजयादशमी को शक्ति पूजा का पर्व माना गया है क्योंकि
इस दिन माँ दुर्गा ने नौ रात्रि और दस दिनों के युद्ध के बाद
राक्षस महिषासुर (भैंस असुर) का वध किया था और फिर
इसी दिन प्रभु श्रीराम ने लंका के राजा रावण का भी संहार
किया था ।
Mahisasurmardini
विजयादशमी का त्योहार आश्विन मास की शुक्ल पक्ष की
दशमी को पूरे देश में दशहरा के नाम पर माना जाता है ।
दोनों ही मान्यताओं के अनुसार यह विजय का दिवस है
और इसलिए भारतीय संस्कृति में यह मान्यता सदियों से
चली आ रही है कि इस दिन जो भी नया काम शुरू करो
उसमें सफलता अवश्य मिलेगी।
Lord Rama
पुराने समय में राजा-महाराज इस दिन अस्त्र-शस्त्र की पूजा
वर्ष में एक बार किया करते थे । विजय की प्रार्थना कर
रण-विजय के लिए निकलते थे ।
जब पांडव कौरवों से जुए में हार
गए तो पांडवो को बारह वर्ष का वनवास और एक वर्ष का
अज्ञातवास मिला। अपने वनवास में पांडवो ने अपने सारे
हथियारों को एक शमी के पेड़ के नीचे छुपा कर रख दिया
था और वर्ष में एक बार विजयादशमी के दिन ही आकर
अपने शस्त्रों को देखते और उसकी पूजा करते थे।
भारतीय वीरता के उपासक होते हैं और यह दिन खासकर
भारतीयों के तन-मन में एक नई शक्ति और उर्जा का संचार
करता है । बुराई चाहे कितनी भी शक्तिशाली क्यों न हो एक
न एक दिन सच्चाई से हार ही जाता है । यह संदेह हमे इस
दिन मिलता है।
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